वो कहता हैं तुम्हारी मुस्कान मासूम हैं,
उसे कोई बतादो मेरे मुस्कान कि वजह जो वो हैं।
वो कहता हैं, तुम कमाल की हो
उसे कोई बतादो, मुहोब्बत कमाल हैं मैं
या वो नही ।
वो कहता हैं, तुम खाना बहुत लजीज बनाती हो
उसे कोई बतादो बनाती भी तो किसी अजीज के लिए ही हूँ।
वो कहता हैं, तुम समझदार हो
उसे कोई बतादो कोई समझदार भी कभी इश्क़ करता हैं?
वो कहता हैं, तुम बेहद खूबसूरत हो
उसे कोई बतादो, खूबसूरत मैं नही कुसूर उसके नजर का हैं।
वो कहता हैं , तुम कहा गुम रहती हो
उसे कोई बतादो उसीके दिल मे रेहती हूँ।
❤️वृन्दा❤️
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